DRDO Gives Mission Shakti Challenges and Achievements Details
सामरिक विशेषज्ञों और तकनीक विदों ने “मिशन शक्ति” की जानकारी दी
प्रविष्टि तिथि: 06 APR 2019 8:17PM by PIB Delhi
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिशन शक्ति के तकनीकी पहलुओं सहित इस अभियान के विवरण और मील के पत्थर के रूप में इसके विकास स्तंभों की प्रस्तुति के लिए एक विशेष वार्ता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में कई प्रतिष्ठित सेवारत/सेवानिवृत्त रणनीतिक विशेषज्ञों, टेक्नोक्रेट, राजनयिकों, सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों औरविभिन्न विभागों में कार्यरत वैज्ञानिक समुदायों ने विचार-विमर्श में भाग लिया।
इस अवसर पर, डीआरडीओ ने एंटी-सैटेलाइट टेस्ट (ए-सेट) के उद्देश्यों, मिशन की चुनौतियों और उपलब्धियों की भी प्रस्तुति की।
डीआरडीओ ने 27 मार्च, 2019 को ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट (ए-सेट) ‘मिशन शक्ति’ का सफल परीक्षण करके भारत को ऐसी क्षमता हासिल करने वाले तीन देशों (अमरीका, रूस और चीन) के चुनिंदा समूह में शामिल करा दिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. के. विजय राघवन,उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, श्री पंकज सरन और परमाणु ऊजा विभाग के सचिव, श्री राजिंदर खन्ना, विज्ञान और तकनीकी विभाग के सचिव, श्री के. एन. व्यास, भूविज्ञान मंत्रालय के सचिव, प्रो. आशुतोष शर्मा, थिंक टैंक ऑफ इंडिया,डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख और सेवानिवृत्त सेवा अधिकारियों के साथ डीआरडीओ के सचिव और रक्षा विभाग के सचिव आर एंड डीडीआर जी सतेश रेड्डी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।