जिन लोगों ने जन धन योजना के तहत बैंक में अपना खाता खुलवा रखा है उन्हें बड़ी राहत मिलने वाली है। सिर्फ जन धन खाताधारकों को ही इसका फायदा होने वाला है। मोदी जी ने ढाई साल पहले ही कहा था की सब लोगों को जन-धान खाता खुलवाना चाहिए लेकिन जिसने ध्यान नहीं दिया अब वो क्या करें ! बैंकों ने एक अप्रैल से नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इनमें एसबीआई जैसे बड़े बैंक भी शामिल हैं । बैंक अधिकारियों के अनुसार ये शर्त जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर लागू नहीं होगी।
अगर आपने भी जन धन का खाता खोल रखा है तो आपको मिनिमम बैलेंस रखने की टेंशन नहीं रहेगी। आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना पैसा निकाल सकते हैं। आपको बैंक की तरफ से कोई फाइन नहीं चुकाना पड़ेगा। शिमला के बैंक अधिकारियों के अनुसार जनधन योजना के तहत खुलवाए गए खातों के अलावा विशेष योजना या बुनियादी बचत खातों पर भी ये शुल्क लागू न होने की बात कही गई है। इसके अलावा स्टाफ, स्टूडेंट्स और सैलरी अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस की कोई शर्त नहीं लगाई गई है। वहीं, यदि आपका एसबीआई में सामान्य खाता है तो तो अब मिनिमम बैलेंस न रखने पर आपको फाइन लगेगा। एसबीआर्इ ने खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। हिमाचल में बैंक के एक बड़े अधिकारी के अनुसार न्यूनतम बैंलेंस न रहने पर ग्राहकों को फाइन देना होगा।एक अप्रैल यानि शनिवार से यह नियम लागू हो जाएगा। अप्रैल से पेनल्टी देनी होगी। मेट्रोपॉलिटन शहरों में रहने वाले लोगों को 5000, शहरी क्षेत्रीय लोकों को 3000, अर्धशहरी क्षेत्रीय लोगों को 2000 और ग्रामीण इलाकों के लोगों के खाते में कम से कम 1000 रुपये रखने होंगे
फाइन अनिवार्य न्यूनतम बैलेंस और उसमें कमी के बीच अंतर पर आधारित होगा। मेट्रो शहरों में यदि न्यूनतम बैलेंस में 75 प्रतिशत से अधिक की कमी होगी तो सर्विस टैक्स के साथ 100 रुपए का फाइन देना होगा। यदि न्यूनतम बैलेंस में कमी 50-75 प्रतिशत के बीच है तो सर्विस टैक्स के साथ 75 रुपए का फाइन देना होगा।
वहीं 50 प्रतिशत से कम बैलेंस होने पर सर्विस टैक्स के साथ 50 रुपए का फाइन अदा करना होगा।ग्रामीण क्षेत्रों में 20-50 रुपये के बीच वसूले जाएंगे। बैंक एक अप्रैल से एक महीने के अंदर ब्रांच से तीन से ज्यादा नकद लेनदेन करने पर 50 रुपये चार्ज करेगा। अभी भी यह चार्ज लगता है और अब इसे नया रूप दिया जाएगा।
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